CHURU
आपको यह जानकर हर्ष होगा कि
लेफटीनेन्ट जनरल संगत सिंह, पदमविभूषण, निवासी कुसुमदेसर तह; रतनगढ
- सन 1971 में भारत-बांगलादेश युद्ध में बांगलादेश वार का हीरो नाम की अद्धितीय उपाधि से विभूषित।
- लेफटीनेन्ट जनरल संगत सिंह ने कोर कमाण्डर के पद के रूप में सर्वप्रथम पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी ढाका में प्रवेश किया जिसे इतिहास में ढाका फाल के नाम से जाना गया।
- आपने ब्रिगेड कमाण्डर की हैसियत से गोवा पर कब्जा किया।
- तस्वीर में लेफटीनेन्ट जनरल संगत सिंह 93 हजार पाकिस्तानी सेना व उसके नायक नियाजी के आत्मसमर्पण का साक्षी।
- पीळी धरती का सपूत तस्वीर में बांई ओर छडी लिये हुए, बिना चश्मे के गर्व से अपना व अपनी धरती का गर्व से सीना उंचा करते हुए।
लेफटीनेन्ट जनरल संगत सिंह, पदमविभूषण, निवासी कुसुमदेसर तह; रतनगढ
- सन 1971 में भारत-बांगलादेश युद्ध में बांगलादेश वार का हीरो नाम की अद्धितीय उपाधि से विभूषित।
- लेफटीनेन्ट जनरल संगत सिंह ने कोर कमाण्डर के पद के रूप में सर्वप्रथम पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी ढाका में प्रवेश किया जिसे इतिहास में ढाका फाल के नाम से जाना गया।
- आपने ब्रिगेड कमाण्डर की हैसियत से गोवा पर कब्जा किया।
- तस्वीर में लेफटीनेन्ट जनरल संगत सिंह 93 हजार पाकिस्तानी सेना व उसके नायक नियाजी के आत्मसमर्पण का साक्षी।
- पीळी धरती का सपूत तस्वीर में बांई ओर छडी लिये हुए, बिना चश्मे के गर्व से अपना व अपनी धरती का गर्व से सीना उंचा करते हुए।
Comments
Post a Comment