LORD GANESH
जिस तरह इस मरू प्रदेश में पक्के तालाबाें में वास्तु का जो अनुपम उदाहरण हमें देखने को मिलता है, उसी प्रकार वास्तु के अद्धितीय उदाहरणों में यहां की हवेलियां, धर्मशालाओं, निवास ग़हों, सार्वजनिक भवनों आदि के मुख्य द्वार पर जिस तरह भगवान गणेश को विराजमान किया गया है वह यहां के वास्तुशिल्प की अदभुत विशेषता है। भगवान गणेश को रिद्धि सिद्धि के साथ् जिस श्रद्धा से दहलीज के शीर्ष स्थान पर विराजित होने का निवेदन किया गया है पूरे भारतवर्ष में कहीं नहीं मिलेगा।
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