Water harvesting and worship

ग्राम में स्थित जल संग्रहण की संरचनाओं के बारे में एक अदभुत जानकारी दी कि उस समय बरसात आरम्भ होने से पूर्व कच्चे जोहडों के पास ग्राम के स्त्री पुरूष एकत्रित होते और ल्हास (सामुहिक कार्य का प्रकार जो किसी उत्पादक अथवा पोषणीय हितों को साधने के लिए किया जाता था जो व्यक्तिपरक एवं सार्वजनिक दोनों प्रयोजनों के लिए व्यक्तियों के समूह द्वारा किया जाता था) कर कच्चे जोहड़े ( क्योंकि उस समय पक्के जोहडे नहीं होते थे) में पानी की आवक तय करने हेतु पुरूषों द्वारा खुदाई एवं सफाई का कार्य किया जाता था एवं वहां उपस्थित ग्राम की स्त्रियां शगुन के गीत गाती एवं आसपास के कच्चे पायतन को बुहारती। जल देवता को पूजने की अवधारणा अन्तर्गत जल संग्रहण की संरचनाओं के पास जल देवता का मंदिर इसी रासरंग की आस्था का ईश्वरीय समर्पण है!

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