RIDKHALA, CHURU, CHURU

एतिहासिक तथ्‍य - पूर्व लेखन में मैने कहा था कि मंदिरों की अवधारणा मठो से ली गई है एवं मठों ने शनै शनै मंदिरों का रूप लेना अारम्‍भ हुआ तब एक ऐसा काल भी आया जब मंदिरों की भव्‍यता ने रूप गढना आरम्‍भ किया और मठो ने शहर के बाहर ठौर बनाया और मंदिरों ने शहर के मध्‍य ठिकाना एक ने वैराग्‍य रूपी शिव को धारण किया तो दूसरा बचपन की आध्‍यात्मिक रूपी क़ष्‍ण को स्‍वीकार कर आगे बढ चला। चूरू के ग्राम रिडखला में स्थित ठाकुर जी के मंदिर की तस्‍वीरें दिखाई दे रही है जो मठों का मंदिर रूपी मार्गदर्शक रूप धारण करते समय की है। जैसा कि मैंने पूर्व में रिडखला ग्राम के बारे में लिखा था कभी मेरी द़ष्टि से इस ग्राम को देखिऐगा इतिहास के कई सोपानों को समेटे यह ग्राम ईश्‍वर ही जाने कब रेडा का खेडा बना, धांधले भाटों का इस स्‍थान पर निवास तो स़ष्टि के समय का है।







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