Billyun Bass Rampura, Sardarshahar, CHURU

चूरू जिले में जब गोगामेडी की बात आती है तो ददरेवा के साथ बिल्‍यूं बास रामपुरा की गोगामेडी का अवश्‍य जिक्र आता है। चूरू से दरस्‍थ स्‍थान पर स्थित यह गोगामेडी सरदारशहर से साहवा मार्ग पर स्थित बिल्‍यूं बास रामपुरा ग्राम में स्थित है। यहां का वातावरण आध्‍यात्मिकता से परिपूर्ण है।  इस बारे में एक दन्‍तकथा प्रचलित है कि लगभग 150 वर्ष पूर्व बिल्‍युं बास देवासर में अकाल पडा था तब ग्राम देवासर का खिराजाराम सहारण पंजाब में पशु चराने गया हुआ था। वह नारवा नामक बीमारी से ग्रसित था एवं ठीक से चल फिर नहीं सकता था। वह वहां पर बैठा था कि घोडे पर सवार एक व्‍यक्ति वहां से गुजरा व उस जगह पर उसकी छडी गिर गई। उसने खिराजाराम को वह छडी उठाकर देने का कहा तो खिराजाराम ने अपनी असमर्थ जाहिर कि, तब घोडे पर सवार व्‍यक्ति ने आदेशात्‍मक लहजे में कहा कि खडे होओ और छडी उठाकर दो खिराजाराम उसी क्षण ठीक हो गया ओर घोडे पर सवार व्‍यक्ति ने कहा कि अपने गांव जाओ व मेरी मेडी बनाकर पूजा करो तुझे धन धान्‍य आदि सबकुछ प्राप्‍त होगा। तब खिराजाराम सहारण वापिस गांव आ गया व ग्राम बिल्‍यु बास महियान के पास आकर गोगाजी की पूजा आराधना करने लगा तब उसे गोगाजी का भगत कहा जाने लगा। वर्तमान में उसके वंशजों को भी भगत उपनाम से पुकारा जाता है। यह मेडी बिल्‍यु बास महियान स्थित होने कें कारण बिल्‍युं की गोगामेडी के नाम से जानी जाती है। मान्‍यता है कि खिराजाराम को घोडे पर सवार जो व्‍यक्ति मिला वह स्‍वयं गोगाजी थे। यहां पर हर माह भाद्रपद मास की शुक्‍ल पक्ष की पंचमी एवं षष्‍ठमी को मेला लगता है।






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