SALASAR. SUJANGARH CHURU


SALASAR BALAJI - आज से करीब 30 वर्ष पूर्व दादाजी व पिताजी के साथ जब मैं सालासर बालाजी के दर्शन करने आया तब सालासर में पुजारी परिवार के घर ही भोजन पानी की व्‍यवस्‍था थी, ढाबा भी नहीं था। उस समय मंदिर परिसर में कुछ एक कमरे एवं बाहर एक धर्मशाला थी। आज सालासर जिले के राजस्‍व रिकार्ड में ग्राम है एवं ग्राम पंचायत मुख्‍यालय सालासर है जो सम्‍भवतया भारत के उन एकादि ग्रामों में शामिल है जिनमें कम से कम 100 से अधिक एसी युक्‍त धर्मशालायें हैं। देखा जाये तो तनिक भी हिचकिचाहट नहीं होती कि मंदिर इन होटलों एवं धर्मशालाओं में कही खो गया है। यात्रियों की संख्‍या में व़द्धि तो हजारों गुना हुई है परन्‍तु यह भी सच है कि सालासर पर्यटकीय पाइन्‍ट के रूप में विकसित हो रहा है। पैदल चलकर दर्शन करने की श्रद्धा की इस अनुपम अवधारणा आज चरम पर है। सराहनीय बात यह है कि सालासर कस्‍बा अपने आप को नये रूप हेतु तैयार भी कर रहा है जिसमें भारतीय संस्‍क़ति के मानुषिक प्रतीक मीरांबाई, स्‍वामी विवेकानन्‍द, रामक़ष्‍ण परमहंस आदि की मूर्तियों को मुख्‍य चौराहों लगाया गया है। अतिक्रमण अवश्‍य है फिर भी सफाई व्‍यवस्‍था सराहनीय है। पुजारी परिवार के हाथों में सालासर कस्‍बे का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल नजर आ रहा है। सच है बालाजी ने सालासर को वैभवता का आशीर्वाद दिल खोलकर दिया है

Comments

Popular Posts